रचनाकार : हेमन्त पटेल, भोपाल
हमने मंदिर वहीं बनाया है
सियाह घनेरा काटा हमने
सूरज नया उगाया है
इस धरा से धवल गगन तक
रंग सिंदूरी छाया है
अजी हमने…, अजी हमने
हमने मंदिर वहीं बनाया है
अजी हमने…, अजी हमने
हमने मंदिर वहीं बनाया है
सत्य कभी ना मार्ग भटकता
हमें राम ने यही सिखाया है
चलते रहता जो अपनी रस्ता
बस लक्ष्य उसी ने पाया है
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ऊँ नम: शिवाय
किस नाम से होउँ निरंजन
वो ही बतादो हे दुख भंजन
तुम्हीं थामों ओ त्रिपुरारी
तो तन महके जैसे चंदन
ऊँ नम: शिवाय शंभू…
ऊँ नम: शिवाय…
कौन से धाम तुम्हारे जाऊँ
या ये माटी माथ लगाऊँ
कौन जगह जहाँ तुमना मिलो
कंकर—कंकर शंकर पाऊँ
ऊँ नम: शिवाय शंभू…
ऊँ नम: शिवाय…
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खाटू श्याम भजन
हुक लाइन
तेरा ही नाम सुबह और शाम
मेरे लब पे रहे खाटू श्याम
तुझसे सजी हैं, मेरी सांसें
सांसों की माला तेरे ही नाम
(बैकग्राउंड साउंड)
खाटू श्याम… हो खाटू श्याम
तेरे तरकश में, तीन हैं बाण
कृष्ण दीन्हें अजय वरदान
कलियुग केवल नाम अधारा
सुमर—सुमर ले जय श्री श्याम
(बैकग्राउंड साउंड)
खाटू श्याम… हो खाटू श्याम
हारे का तुम सहारा बाबा
शीश के दानी नाम तुम्हारा
जीत उसकी सनिश्चित होती
जिसको भरोसा तुमपे श्याम
(बैकग्राउंड साउंड)
खाटू श्याम… हो खाटू श्याम
तुम सागर हो प्रेम का बाबा
तेरा एक क़तरा करे निहाल
तेरे दर से कोई खाली न लौटा
हाथों को थामे चलते तुम्हीं श्याम
(बैकग्राउंड साउंड)
खाटू श्याम… हो खाटू श्याम