सुनीता मिश्रा, देहरादून
रचना भागती हुई कमरे में पहुंची! मोबाइल से आई हुई तेज़ रिंगटोन ने उसे दौड़ने पर मजबूर कर दिया था।
आज उसके होने वाले जीवन साथी का फोन आने वाला था। यह संदेश उसे अपने भावी देवर से मिल चुका था।
रचना , 24 साल की एक खूबसूरत युवती हैं, ईश्वर ने उसे रूप रंग गुण से परिपूर्ण किया है किंतु शिक्षा के मामले में वह पूर्ण नहीं हो पाई है।
सिर्फ 12वीं तक कि उसने शिक्षा पाई है ऐसा नहीं है कि उसे शिक्षा दिलाने में कोई कमी की गई किंतु पढ़ाई में उसका कभी भी जी नहीं लगा।
अतः सिर्फ 12वीं तक ही मुश्किल से उसने पढ़ाई किया।
उसकी शादी की चिंता ने उसकी मां की आंखों की नींद हर ली थी।
बिन पिता की जवान बेटी सबके आंखों में चुभने लगी थी। आखिरकार परिवार के बाकी सदस्यों ने मिलकर उसके लिए गौरव जी को चुना था।
गौरव जी इनकम टेक्स ऑफिसर थें । उनका परिवार गांव के जमीन जायदाद में संपन्न परिवार था। परिवार वालों ने लड़की देखने की इच्छा प्रकट की और परिवार के दो-चार सदस्य आ कर लड़की देख गए।
खूबसूरत रचना, पहली नजर में ही सबको भा गई थी। वास्तव में रचना को पसंद कर लेने का सबसे बड़ा कारण रचना की लंबाई थी। कारण गौरव जी की लंबाई सात फीट थी, जिसके कारण उनसे मेल खाती लड़की नहीं मिल पा रही थी।
धड़कते दिल से रचना ने फोन रिसीव किया।
“हेलो! कौन रचना हो? एक भारी भरकम आवाज रचना के कानों से टकराई। “
जी! रचना ने धीरे से कहा।
रचना की मधुर आवाज़ गौरव जी के कानों में
जैसे संगीत की मीठी धुन छेड़ गई थी।
और फिर बातों का सिलसिला एक बार जो शुरू हुआ बस चलता ही गया।
गौरव जब भी फुर्सत में होते रचना को फोन लगाते और रचना हर काम छोड़कर मोबाइल लेकर छत पर जा कर बैठ जाती। घंटों दोनों भविष्य के सपने बुनते थें।
दोनों की मीठी वार्तालाप ने दोनों को एक दूसरे के बहुत करीब ला दिया था।
क्योंकि गौरव जी हजारों किलोमीटर दूर एक बड़े शहर में पोस्टेड थे।
इसलिए दोनों का कभी मिलना नहीं हो पाया किंतु दोनों एक दूसरे से जुड़ते चले गए थे। दोनों में एक दूसरे से बात करने की बेचैनी सदैव बनी रहती थी।
शादी का डेट फिक्स नहीं हो पाया था। कारण परिवार में एक बुजुर्ग का देहांत हो जाना था। इस बीच दो युवा हृदय एक दूसरे के सपनों में सदैव धड़कते रहते था।
क्रमश:
Interesting, youth n romance. I wanna where this goes.