रचनाकार : विजय कुमार तैलंग, जयपुर (राजस्थान)
कर्मचारी बोला, ” सर, मेरा काम करने का तरीका कुछ अलग है। मैं उस बात को मान कर नहीं चलता जो मुझे समझाई जाती है बल्कि मैं व्यवहार में उसकी सच्चाई व जड़ देखता हूँ फिर उसका उपाय निकालता हूँ। “
बॉस ने कुछ सोचकर ये विचार किया कि नये कर्मचारी को एक मौका और दे देना चाहिए! इसी बीच बॉस को विदेश जाना पड़ा। सारा दारोमदार उन्होंने नये कर्मचारी को सौप दिया और चले गए। विदेश से लौटने के बाद वे अपने परिवारिक मामलों में उलझ गए! इन सब बातों के कारण उन्हें पांच महीने तक अपना व्यापार देखने का समय ही नहीं मिला। पांच महीने बाद वे अपने व्यापारिक कार्यालय में आये और उसी तथाकथित नये कर्मचारी को बुलाया और उसके द्वारा किये गए कार्य की आउटपुट मांगी।
कर्मचारी ने उत्तर में कहा, ” सर, मैंने कंपनी के प्रोडक्ट को नये डिजाइन और नये ब्रांड नेम से पुन: मार्केट में लांच किया मगर “सिमोरा” और “डाल्सन” जैसी कंपनियों ने हमारे प्रोडक्ट को सुपरसीड कर दिया जिससे हमारे बिजनेस को झटका लगा! तब मैं फिर मार्केट सर्वे करने निकल पड़ा। इसमें लगभग दो महीने का समय लग गया। कोई नई बात सर्वे से निकल कर नहीं आई तो मैंने अपने स्टाफ की मीटिंग बुलवाई और पूछा, “आप लोगों को कुछ समझ आता है?” वहाँ तो कोई कुछ नहीं बोला लेकिन आपके पुराने चपरासी ने एक पते की बात बताई…! ” कर्मचारी जरा सा रुका।
बॉस बिना किसी दिलचस्पी के कर्मचारी की लंबी सी गाथा धैर्य के साथ सुन रहे थे।
कर्मचारी बोला, “सर, चपरासी ने वो बात बताई कि मैं उस पर हंड्रेड परसेंट श्योर हो गया।”
बॉस बोलना तो नहीं चाहते थे, फिर भी उनके मुँह से निकल गया – “क्या? “
“उसने बताया कि लोग हमारी कंपनी के नाम से ही चिढ़ते हैं। प्रोडक्ट का डिजाइन और नाम बदलने से क्या होगा जब हमारी कंपनी का नाम उस पर छपा हुआ है? इसी वजह से लोग हमारा प्रोडक्ट नहीं खरीदते। “
“……….. ” बॉस ने कुछ भी कमेंट नहीं किया बल्कि एकटक कर्मचारी के चेहरे पर तैरते आत्म विश्वास को देख रहे थे। जब कर्मचारी कुछ देर नहीं बोला तो बॉस बोले, “.. तब आपने क्या निष्कर्ष निकाला? “
कर्मचारी जैसे बॉस के रिएक्शन का ही इंतजार कर रहा था, तपाक से बोला, “सर, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि ये सब आपके पुराने कर्मचारी का ही किया धरा है। उसने जाने से पहले हमारी कंपनी को खूब बदनाम किया है। आपका चपरासी सही बता रहा है।”
बॉस भरे बैठे थे, पर स्वयं को संयमित रखते हुए उन्होंने कर्मचारी से पूछा, ” तो अब आपका क्या सुझाव है? “
कर्मचारी पूरे विश्वास के साथ बोला, “सर, यदि हमें मार्केट में जमे रहना है तो अपनी कंपनी का नाम बदल देना चाहिए। “
बॉस ने अपने गुस्से को दबाते हुए तब कहा, ” माफ करना दोस्त। आपकी मार्केटिंग स्किल बहुत एडवांस है। हमारी कंपनी आपका भार उठाने में असमर्थ हैं। बेहतर है, आप कहीं और जॉब ढूंढ लें।
इतना कहकर बॉस उठे और अपने चैम्बर से बाहर चले गए।
(काल्पनिक रचना)