रचनाकार : शिखा तैलंग
बहुत दिनों के बाद आज दुखीलाल मिले थे। मुढे देखते ही उनके चेहरे पर दुख का महासागर उमड़ आया और अपनी पनीली आवाज में बोले— बहना! बड़े बुरे दिन कट रहे हैं। आज मैंने सोचा था कि थोड़ा खुश हो लूंगा तो मैंने नए और पुराने गानों को सुनने की ठानी! पर यह कवायद निरर्थक साबित हुई। मैं न नए गानों को सुन कर खुश हो पाया और न ही पुराने गानों को !
मैंने हैरानी के साथ पूछा— अच्छा ऐसा? यह तो बहुत गजब की बात कह दी। पर मैं समझ नहीं पा रही हूं। क्या कुछ खुलासा करेंगे?
दुखीलाल ठंडी आह भरते हुए बोले — देखो न श्री 420 का यह गाना! पुराने जमाने की इस फिल्म ने इतनी लोकप्रियता बटोरी थी कि लोग इसको आजतक नहीं भूल पाए हैं। पर इसके गाने के बोल देखो—
मेरा जूता है जापानी
ये पतलून इंगलिश्तानी
सर पे लाल टोपी रूसी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी!
मैंने यह गाना सुनकर जापानी जूतों के रेट पता किए। 10 डॉलर से कम का कोई जूता ही नहीं मिला। फिर इंगलिश्तानी पतलून का भाव पता करने के लिए गूगल बाबा को खंगाला तो रेट देखकर होश उड़ गए। अब रही सर पर लाल टोपी रूसी की बात तो रूस का तो एवंई दिवाला पिटा हुआ है। वहां की टोपी सर पर रखकर क्या होगा? इसके बाद मुकेशजी कहते हैं फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी! गोया कि हिन्दुस्तान में दिल की फ़ैक्टरियाँ लगी हों जहां थोक के भाव में दिल बन रहे हों और वे सस्ती रेटों में सब जगह सप्लाई किए जा रहे हों!
उनका यह विश्लेषण सुनकर मैंने माथा पकड़ लिया। मैं समझ गई कि दुखीलाल ऐसे क्लासिकल और दिल को छू लेने वाले गाने के एक—एक वर्ड को सोने की तराजू में तौलकर देख रहे हैं। मैंने सोचा कि चलो मन दुखी होगा और रुपये—पैसे की तंगी होगी इसलिए उनके मन में ऐसे खयाल आ रहे होंगे। अत: मैंने उनका दिल टटोलने के लिए एक सवाल दागा—
तो दुखीलाल छोड़िए इस गाने को, आपका पुरानी फिल्म हमराज के इस गाने के बारे में क्या खयाल है —
ना मुँह छुपा के जियो और ना सर झुका के जियो
गमों का दौर भी आए तो मुस्कुरा के जियो
ना मुँह छुपा…
दुखीलाल बोले — बहना! ये गाना तो श्री 420 के गाने से भी ज्यादा दुखी करने वाला है।
मैंने पूछा — कैसे?
दुखीलाल — वो ऐसे कि देखो कि महेंद्र अंकल कह रहे है ना मुँह छुपा के जियो यानी अपने मुँह को छिपा कर मत जियो लेकिन यदि किसी के चेहरे पर दाग—धाब्बे हों तो? यह लाइन सुनकर मुझे अपनी श्रीमतीजी फूल कुमारी के चेहरे का बड़ा सा मस्सा याद आ जाता है। जिसको लेकर कई किस्से हो चुके हैं।
क्रमशः
(काल्पनिक रचना )
Shivika means palanquin and Jharokha means window. We have prepared this website with the aim of being a carrier of good thoughts and giving a glimpse of a positive life.