अबे कछु दिन पहले की बात है। बुंदेलखंड को एक मौड़ा बिजली विभाग में इंटरव्यू देवे गओ। अब देखो, वहां का होत है —
इंटरव्यू लेवे वाले साहब ने पूछो – आओ, आओ, तुमाओ नाम का है?
मौड़ा – लटूरी लाल।
साहब – बाप को नाम?
मौड़ा – भटूरी लाल।
साहब – अम्मां को नाम?
मौड़ा – चटोरी लाल।
साहब – अच्छा कितेक भइया— बहन हो?
मौड़ा – जी, भइया तो नहीं भओ लेकिन एक बैन जरूर है।
साहब – अच्छा कितेक तक पढ़े?
मौड़ा – जी, अ से ज्ञ तक।
साहब – अंगरेजी आत है ?
मौड़ा – हओ आत है ।
साहब – बोलो ?
मौड़ा – अंगरेजी । वैसे हमें अंगरेजी बहुतई पसंद है। रोज शाम को एक पैग ले लेत हैं।
साहब – बिजली के बारे में का जानत हो?
मौड़ा – जोई कि बिजली आसमान में रहत है।
साहब – घर में नहीं आत?
मौड़ा – घर में आत तो है तो लेकिन झटका देत है।
साहब – अच्छा बिजली काए से बनत है ?
मौड़ा – अब, हमें का पतो । तुमई तो हो बिजली वारे । तुमें पतो नइयां का।
साहब – अच्छा बिजली से चलवे वाली चीजन को नाम बताओ?
मौड़ा – वो, चटोरी लाल।
साहब – एं, वो कैसे?
मौड़ा – हमाए पप्पा कहत हैं वो गुस्सावे पे करंट बहुत मारत है!!!