आखिरी चैप्टर
20 अगस्त 2022 से 16 अप्रैल 2023
इस बीच टीआई रमेंद्र प्रताप ने लूट के मामले की जांच अपने हाथों में लेकर तफ्तीश शुरू कर दी। उसने कालोनी के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। उसे यह जानकर निराशा हुई कि कालोनी के आखिर में जहां से गुंडे घुसे थे वहां लगे चार सीसीटीवी कैमरों में से सिर्फ एक ही चल रहा था। उस सीसीटीवी कैमरे के फुटेज शुरू में ज्यादा उपयोगी नहीं लग रहे थे। रिकार्डिंग का एंगल सही नहीं होने से किसी—किसी फुटेज में गुंडों की केवल गर्दन या पैर के जूते ही दिख रहे थे। अचानक उसे एक आइडिया आया। उसने गुंडों की गर्दन और पैर के जूतों के फुटेज को मैक्सिमम जूम करके देखने का निर्देश दिया। इसी दौरान उसे एक गुंडे की गर्दन पर दो तलवारों का टैटू बना दिखा और एक गुंडे के पैर में लाल लेस वाले पीले ब्रांडेड जूते दिखे। उसने इन दोनों सुरागों की फोटो अपने मुखबिरों को वाट्सएप कर दिया।
इसके तीन दिन बाद ब्यूटी पार्लर की आड़ में मुखबिरी करने वाली निशा परमार का फोन रमेंद्र प्रताप के पास आया। उसने बताया कि जब वह अपने मसाज पार्लर में एक ग्राहक की टी—शर्ट उतरवाकर मसाज कर रही थी तब उसने उसकी गर्दन में दो तलवारों का निशान देखा था।
जहांगीराबाद में ही वाइन की दुकान चला रहे मुखबिर कामता प्रसाद ने टीआई से मिलकर बताया कि उसने लाल फीते और पीले ब्रांडेड जूतों वाले शख्स को छह बोतलें दी थीं। टीआई ने मुखबिरों के बयानों की उनके प्रतिष्ठानों में लगे सीसीटीवी कैमरों से पुष्टि की। उसने पता लगा लिया था कि मसाज करानेवाला बाइक से निशा के पास आया था जबकि लाल फीते और पीले जूते पहनकर आया व्यक्ति कार से अपने दो दोस्तों के साथ वाइन लेने आया था। उसने तमाम सुरागों को जोड़कर मामले की गहन तफ्तीश की। करीब दस दिनों की कड़ी मशक्क्त के बाद उसने गुंडों के अड्डे का पता लगा लिया और एक रात भारी पुलिस बल के साथ दबिश देकर छह गुंडों को पकड़ लिया।
11 मई 2023
गुंडों को पकड़ लेने के बाद टीआई इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने पर अपना सारा दारोमदार लगा दिया कि जहांगीराबाद में उस अमावस की रात हुई लूट का असली सूत्रधार कौन था? पहले तो गुंडों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। पर जब रमेंद्र प्रताप ने उनसे सच उगलवाने के लिए थर्ड डिग्री मैथड अपनाए तो लाल फीते और पीले जूतों को पहनकर लूट में लिप्त रहे कालिया सरवटे ने सबकुछ उगल दिया।
15 मई 2023
कालिया से मिली जानकारी के आधार पर कड़ी कार्रवाई करते हुए रमेंद्र प्रताप ने कमलेश सोलंकी को रात में तब उसके घर से धर दबोचा जब वह सोने की तैयारी कर रहा था। वह सोलंकी को अपनी जीप में बिठाकर थाने ले गया और उससे कड़ी पूछताछ की। कड़ी पूछताछ में सोलंकी टूट गया। उसने टीआई को बताया कि ब्रांच का बिजनेस बढ़ाने के लिए उसने लोगों में दहशत का माहौल क्रिएट करने के लिए इस लूट की वारदात को बिहारी गैंग के गुंडों को किराए पर लेकर अंजाम दिलवाया था। इस लूट से पहले उसने इलाके की रेकी करने के लिए सोने के गहने चमकाने वालों को अच्छे पैसे देकर भेजा था। इन लोगों से मिली जानकारी के आधार पर ही उसने लूट का प्लान तैयार किया था। ताकि लोगों के मन में घर में गोल्ड रखने को लेकर असुरक्षा की भावना बढ़ जाए। उसने अपने दो—तीन स्टाफ मेंबर्स को लोगों के मन में यह बात बैठाने के लिए प्रेरित किया था कि उनकी कंपनी की ब्रांच में रखा सोन सुरक्षित रहेगा और लोन लेने उनके दोनो हाथों में लड्डू रहेंगे।
14 सितंबर 2023
गोल्ड लूट की यह कहानी सामने आने के बाद अगले दिन के अखबारों में टीआई रमेंद्र प्रताप की भूरि—भूरि प्रशंसा छपी। जहांगीरबाद के निवासी भी मुजरिमों के जेल की सलाखों के पीछे जाने के बाद सुकून महसूस कर रहे थे। अब घर में रखा सोना उनकी नींदें नहीं उड़ा रहा था।
(काल्पनिक कहानी )