चैप्टर—1
एक बहुत विशाल कॉर्पोरेट समूह था। उसमें राम खिलावन बाबूगिरी करता था। घर में चार बच्चों, बूढ़े मां-बाप और इकलौती बीबी की जिम्मेदारी उस पर थी।
वह सुबह से लेकर देर रात तक काम में भिड़ा रहता। यहां तक कि लंच करना, चाय पीना, सीट पर से उठना तक भूल जाता। बस दिन—रात काम और काम! कुल मिलाकर उसे आफिस के काम के सिवा कुछ सूझता ही नहीं था।
इतनी मेहनत करने के बाद भी उसका इन्क्रीमेंट बहुत थोड़ा सा होता था क्योंकि मैनेजमेंट की नजरों में वह गधा था, जिसे केवल काम से लदे रहने में ही आनंद आता था। न तो वह किसी मैनेजर से कभी मिलता था और न ही वह अपने बॉस के संपर्क में रहता था।
समय बीतने के साथ रामखिलावन के बच्चे बड़े होने लगे, मां-बाप बूढ़े और बूढ़े होने लगे। बीबी के चेहरे पर भी झुर्रियां निकल आईं। राम खिलावन भी दफ्तर में पूरी तरह निचुड़कर घर पहुंचता। कभी—कभी तो छुट्टी वाले दिन भी आफिस का काम घर पर लाकर निपटाने बैठ जाता। उसकी ऐसी हरकतें देखकर बीबी ताने मारती।
उसकी बीबी की कई ख्वाहिशें और जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही थीं। वह घूमना-फिरना चाहती थी। हर सप्ताह सिनेमा जाना चाहती थी। बच्चों को नए-नए कपड़े, खिलौने दिलाना चाहती थी।
आखिरकार उससे नहीं रहा गया। वह रात में पति के साथ जब सोने को हुई तो बोली, ‘ऐसा कब तक चलेगा। हमारी गृहस्थी को आठ साल हो गए। पर बरकत नहीं दिखती, तुम्हारी सैलरी में भी कोई अच्छी खासी बढ़ोतरी नहीं होती।’
तब पति बोला, ‘मैं क्या करूं, समझ में नहीं आता। बॉस पता नहीं क्यों खुश नहीं होते।’
पत्नी बोली, ‘शायद वे तुमसे और ज्यादा काम लेना चाहते हों । ऐसा करो भोले बाबा को प्रसन्न करो। रोज सुबह जल चढ़ाओ। हो सकता है कि कुछ रास्ता निकल आए।’
पति ने अगले दिन से वही किया। रोज़ सुबह जल्दी उठकर मंदिर जाता। जल चढ़ाता। भोले बाबा के पास दस—पंद्रह मिनट बैठता फिर ऑफिस जाता। महीने भर यही सिलसिला चला।
एक रात जब वह सो रहा था तो उसे सपने में भोले बाबा दिखे। उसे दिखा कि भोले बाबा उसके सामने प्रकट हो गए हैं।
वे बोले, ‘मांगो क्या मांगते हो!’
राम खिलावन को तो मानो मनचाही मुराद मिल गई। उसने कहा, ‘मैं दिन और रात काम कर सकूं। चार गुना काम कर सकूं। बॉस को खुश कर सकूं। इसलिए मुझे चार हाथ और दो सिर चाहिए।’
भोले बाबा बोले, ‘तथास्तु। बच्चा ऐेसा ही होगा। तुम्हें बस इतना करना है कि किसी डिजिटल वीडियो एडिटर से मिलकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल फोटो अपडेट करवा दो। अपनी ऐसी फोटो लगवा दो कि जिसमें तुम दो सिर और चार हाथों के साथ दिखो। बस देखना चमत्कार हो जाएगा।’
क्रमश:
(काल्पनिक कहानी)