आखिरी चैप्टर
बंसी ने अपने लिए सिर्फ एक नया कुर्ता लिया ताकि कोई यह न कहे कि इतना पैसा आने के बाद उसके पास ढंग के कपड़े भी नहीं हैं।
जब उसके पास सिर्फ 10 हजार रुपये बचे तो वह सोच में पड़ गया। उसने सोचा कि उसने 1 लाख 90 हजार रुपये तो केवल एक ही दिन में उड़ा दिए। कहीं ऐसा ना हो ये 10 हजार रुपये भी पलक झपकते ही गायब हो जाएं। फिर उसे जाने क्या सूझी। वह एक मोबाइल शॉप पर पहुंचा उसने बेहद अच्छा मेगा पिक्सल वाला मोबाइल फोन खरीदा
उससे शुरू—शुरू में इधर—उधर और अपनी फैमिली की फोटो खींची। फिर उसे यह सनक सवार हुई कि जब कभी मुर्गी अंडा दे उसका वीडियो बना लिया जाए। यह सोचकर उसने मुर्गी के वीडियो बनाने शुरू कर दिए। जब भी मुर्गी अंडा देती वह मोबाइल से उसका वीडियो बनाकर इंटरनेट पर अपलोड कर देता। छह महीने के भीतर सोने का अंडा देने वाली मुर्गी के व्यूअर्स लाखों में हो गए। उसकी कमाई का ग्राफ बेहद तेजी से बढ़ने लगा।
जब उसके वीडियोज की पॉपुलरिटी काफी बढ़ गई तो वह रोज दो लाख रुपये से भी ज्यादा कमाने लग गया। मुर्गी 3-4 महीने में एक सोने का अंडा देती, सो अलग। यह सिलसिला करीब दो साल तक चलता रहा।
एक दिन सबेरे वह उठा तो दड़बे में मुर्गी मरी मिली। मुर्गा पास ही उदास सिर झुकाए खड़ा था। यह दृश्य देखकर बंसी की आंखों में आंसू आ गए। उसे बेहद दुख हुआ – मुर्गी के हमेशा के लिए चले जाने का।
पत्नी को भी इस घटना के बारे में पता चला। तो वह बंसी को दिलासा देते हुए बोली – ‘कोई बात नहीं मुन्नी के पापा। वह मुर्गी हमें इतना कमा कर दे गई है कि हमारी बाकी की जिंदगी अच्छे से गुजर जाएगी। अब तो आप ऐसा करो कि उस मुर्गी की पांच तोला सोने की प्रतिमा बनाकर एक छोटा-सा मंदिर बनवा दो। बड़ी संख्या में लोग मन्नत मांगने आएंगे ही क्योंकि अपनी वह मुर्गी इंटरनेट के मार्फत फेमस तो हो ही चुकी है। खूब चढ़ावा आएगा और सोने का अंडा देने वाली वह मुर्गी मरने के बाद भी हमें कमाकर देती रहेगी।’
बंसी को उसकी बातें जम गईं। उसने पत्नी के कहे के मुताबिक सोने वाली मुर्गी का मंदिर बना दिया। खूब चढ़ावा आने लगा। लेकिन जैसे-जैसे उसकी कमाई बढ़ी वह उसका सदुपयोग अपने परिवार को पालने के अलावा प्राणि मात्र की भलाई और लोक कल्याण के लिए करने लगा।
इस तरह से उसने बुद्धिमानी से काम करके अपनी जिंदगी भी सुधार ली और दूसरों की भलाई का रास्ता भी निकाल लिया।
मोरल ऑफ द स्टोरी : केवल सोने का अंडा मिलने पर संतुष्ट मत हो जाइए। उससे भी आगे निकलने की सोचिए।
(काल्पनिक कहानी )