आखिरी चैप्टर
रिच बॉय एयरकंडीशंड माहौल में रहते हैं। उनकी कार में एसी, घर में एसी। पर पूअर बॉय एसी—वैसी के चक्कर में नहीं पड़ते और कुदरत के तमाम कोपों, जैसे— गर्मी, सर्दी और बरसात को हंसते—हंसते झेल लेते हैं।
रिच बॉय पॉश कॉलोनी में रहते हैं जबकि पूअर बॉय पॉश कॉलोनी के पास रहते हैं। रिच बॉय के पास बंगला होता है पर पूअर बॉय का बाप कंगला होता है। रिच बॉय पापा को डैड बोलते हैं और मां को ममी। पर पूअर बॉय पापा को पिताजी और मां को माताजी कहकर बुलाते हैं। रिच बॉय की मम्मी बच्चों के लिए अपने हाथों से खाना नही बनाती हैं बल्कि पूअर बॉय की मम्मी रिच बॉय के घर में जाकर उनकी टम्मी भरने का जुगाड़ करती हैं।
रिच बॉय कभी भी झाडू—पोंछा नहीं लगाते पर पूअर बॉय की मम्मी उनके बंगले में झाडू—पोंछा करते समय रिच बॉय और उनके मम्मी—डैडी की झाड़ जरूर सुनती रहती हैं। रिच बॉय अपना बर्थडे धूमधाम से मनाते हैं जबकि पूअर बॉय अपने बर्थडे घूमघाम कर मनाते हैं। रिच बॉय बर्थडे पर केक काटते हैं पर पूअर बॉय डंग केक यानी उपले बनाकर जिंदगी काटते हैं।
रिच बॉय रॉबर्ट कियोसाकी की मशहूर किताब रिच डैड पूअर डैड जरूर पढ़ते हैं पर पूअर बॉय के पूअर डैड इतने रिच नहीं होते कि वे यह किताब खरीद सकें। रिच बॉय कॉलेज के माहौल में बड़े होते हैं पर पूअर बॉय कॉलेज नहीं जाकर विलेज में ही पड़े रहते हैं। रिच बॉय के मदर—फादर के लिए कॉलेज की फीस भरना शान की बात होती है पर यदि पूअर बॉय ने यदि गलती से कॉलेज की दहलीज पर कदम भी रख दिया तो उसके माताजी—पिताजी की फीस के बारे में सोच—सोचकर जान पर बन आती है।
रिच बॉय अपने मम्मी—डैडी से पॉकेट मनी लेने में यकीन करते हैं पर पूअर बॉय के माता—पिता के पास इतना मनी नहीं होता कि वे अपने बेटे की पॉकेट भर सकें। रिच बॉय का जनरली नाम लव होता है जो कि बड़े होने पर किसी लड़की से प्रेम कर बैठते हैं पर पूअर बॉय का नाम जनरली प्रेम होता है और जब वे किसी लड़की से बात करते हैं तो उनके लब यानी होंठ फड़फड़ाने लगते हैं।
रिच बॉय कम उम्र में ही अपने लिए लड़की चुनने लगते हैं पर पूअर बॉय कम उम्र से ही लकड़ी बीनने लगते हैं। रिच बॉय जब शादी करते हैं तो डिजिटल कार्ड बनवाते हैं। वे उन कार्डों को मोबाइल फोन या नेट से भेजकर खानापूरी कर लेते हैं। पर पूअर बॉय शादी से पहले अपने मेहमानों के घर जाकर उन्हें बुलाने के लिए रिरियाते हैं और फिर भी उनके शादी में नहीं आने पर उन्हें गरियाते भी हैं। जो मेहमान शादी में आते हैं वे उन्हें खाने में पूरी खिलाते हैं।
रिच बॉय शादी में 1000 मेहमानों को बुलाते हैं और 1000 तरह की डिशें बनवाते हैं जबकि पूअरबॉय अपनी शादी में अधिक से अधिक 10 तरह की डिशें बनवाते हैं और उन्हें अधिक से 100 मेहमानों को खिला पाते हैं।
इस प्रकार रिच बॉय और पूअर बॉय में जमीन—आसमान का अंतर होता है। पूअर बॉय जमीन से जुड़े रहते हैं पर पूअर बॉय आसमान में उड़ते हैं। इन सबके बावजूद रिच और पूअर बॉय के बीच समानता यही है कि दोनों के ही पास एक सिर, दो कान, दो हाथ और दो पैर होते हैं। भगवान ने रिच बॉय को भी एक ही दिन में 24 घंटे दिए हैं और पूअर बॉय को भी इतने ही घंटे! बस, जो भी फर्क आता है वह खुद इंसान का ही बनाया हुआ है और पूअर बॉय दिमाग का सही इस्तेमाल करे तो रिच बॉय बन सकता है और रिच बॉय यदि दिमाग का बेजा इस्तेमाल करे तो उसे पूअर बॉय बनने में देर नहीं लगती।
(काल्पनिक रचना)