रचनाकार : समीर गांगुली, मुंबई
जहां हिन्दी के बाल साहित्य के लिए शानदार संभावनाएं
हैं.आज ओटीटी पर शानदार विदेशी सिरीज़,फिल्में मौजूद हैं.मैं इनमें से कुछ नाम
आपके साथ शेयर करना चाहूंगा.
BETTER THAN US, IMAGIN IF,( रोबोटिक्स और बॉट्स पर),
MAGICIAN’S ELEPHANT,(फैन्टेसी पर), EX_MACHINA,(आर्टिफिशियल
इंटेलीजेन्स पर) Mind full of Honey ( डिमेन्शिया के शिकार दादा और पोती के
बीच के रिश्ते की सम्मोहित कर देने वाली कहानी),Extraordinary Attorney
Woo( कोरियन सिरीज़,एक असाधारण प्रतिभा रखने वाली ऑटिस्टिक लड़की के
अस्तित्व की कहानी), Once Upon a Time (सात सीजन तक धूम मचाने वाले इस
सिरीज में परी कथाओं के जाने पहचाने पात्र अब आज की हमारी आधुनिक दुनिया
में रहते हैं जिसका नाम है STORYBROOK और वे नए- पुराने गुणों के साथ
पेश आते हैं). इसी तरह ऑडियो प्लेटफार्म जैसे कि
AUDIBLE,SPOTIFY,STORYTEL भी बच्चों के लिए बहुत रोचक सामग्री पेश
कर रहे हैं.और आज के दौर में इनका महत्व काफी बढ़ गया है.यहां मनोरंजन
सबसे पहले है और सहायक सामग्री के रूप में नया ज्ञान या विज्ञान है.
पिछले दिनों मैं एक पत्रिका के लिए दुनिया भर के 50 सबसे लोकप्रिय बच्चों की
किताबों की सूची बना रहा था. इस सूची का आधार विदेशी लेखकों और समीक्षकों
द्वारा बनायी गई सूचियां थी. इसलिए इनमें कोई भारतीय पुस्तक शामिल नहीं की
गई थी. भारत में वैसे भी बाल साहित्य दो खेमों में साफ बंटा हुआ है. अंग्रेजी
भाषा में लिखने वाले और भारतीय भाषाओं में लिखने वाले.इनके बीच एक सेतु
होना चाहिए था,जो दुर्भाग्यवश नहीं है.कभी-कभी इस दिशा में NGO लेवल पर जो
काम होता है वह गुड़ गोबर करने का काम करता है.
एक NGO के अत्यंत, प्रिय बाल पत्रिका संपादक की पत्रिका में प्रकाशित एक
रचना को मैं आपके साथ शेयर करना चाहता हूं. यह रचना 4/6 साल के बच्चों के लिए है.इसके बारे में आप ही तय कीजिए कि क्या यह आधुनिक हिन्दी बाल साहित्य का प्रतिनिधित्व करता है :
लोग कहते हैं बाल साहित्य बच्चा बनकर लिखना पड़ता है. लेकिन मुझे लगता है
बाल साहित्य भाषा का इंजीनियर,विषय का वैज्ञानिक और भावों का चित्रकार
बनकर लिखा जाना चाहिए.अकसर हम अतीत दर्शी बनकर बाल साहित्य लिखना
चाहते हैं क्योंकि हमें पीछे रेडीमेड मसाला मिलता है,लेकिन हमारे आसपास की
दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है कि हमें भविष्य दर्शी होना होगा.
बच्चों का कौतूहल- दुनिया के रहस्यों और चमत्कारों के प्रति होता है. हिन्दी में
पॉडकास्ट बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.लेकिन बाल साहित्य यहां अभी तक
नहीं है. यू ट्यूब में बांग्ला भाषा के लेखकों की बच्चों की कहानियों का एक बहुत
ही लोकप्रिय कंटेन्ट लिपिकथा के नाम से मौजूद है.मराठी भाषा में राजीव तांबे जी
सराहनीय काम कर रहे हैं. उनकी वर्कशॉप में बच्चे और अभिभावक टिकट
खरीदकर शामिल होते हैं.
हिन्दी के बाल साहित्यकारों को बड़ी सोच के साथ बाल साहित्य रचना होगा.और
यह सोच तभी पैदा होगी,जब लेखकों को दो तरफा संवाद वाले प्लेटफॉर्म में भाग
लेने का मौका मिलेगा.
मैं आशा करता हूं देश की बाल साहित्य से जुड़ी तमाम संस्थाएं इस दिशा में
ध्यान देंगी.
बच्चे बाल साहित्य पसंद करते हैं.लेकिन हम आप अपनी जिम्मेदारी को नहीं
समझेंगे तो उन्हें कैसी रचनाएं मिलेगी. इसका एक नाम मैं बताता हूं. इस कहानी
को आप भी आज घर जाकर यू ट्यूब पर देखिए- नाम है- गंजी चुड़ैल की गंजी
बेटी. दरअसल इसकी पूरी सिरीज़ है जैसे गंजी चुड़ैल का अंडा,बर्फ का गोला बेचने
वाली गंजी चुड़ैल,पाद मारने वाली गंजी चुड़ैल…..और करोड़ों लोग इसे देख चुके हैं.
बस, इसी खतरे की चेतावनी के साथ मैं अपनी बात को खत्म करता हूं.
पाठक मित्रों, इसी लेख के साथ इस ॠंखला को हम समाप्त करते हैं. अगर
आपका अच्छा प्रतिसाद मिला तो हम कुछ समय बाद इस सिलसिले को फिर शुरू
करेंगे और आप तक हिन्दी में लिखी जा रही बाल साहित्य की कुछ अच्छी पुस्तकों पर चर्चा करेंगे.