चैप्टर—1
सुदीप ! इंडिया और आस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद में वर्ल्ड कप फाइनल मैच है। तुम आज हमारे घर आ जाना। हमलोग अपने लैपटॉप को प्रोजेक्टर से कनेक्ट करके बड़ी स्क्रीन पर मैच का आनंद लेंगे। सब लोग साथ में मैच देखेंगे तो बेहद मजा आएगा। दीप्ति ने अपने कॉलेजिया दोस्त सुदीप को फोन पर यह बात कही।
सुदीप तो मानो इसके लिए तेयार ही बैठा था। वह बोला — ओके! डन! मैं दोपहर में राइट 1 बजे तुम्हारे घर आ जाउंगा। मुझे भी अच्छा लगेगा कि हम सब साथ में मैच देखेंगे। इसकी एक वजह यह भी है कि मेरे मम्मी—पापा दीपावली के बाद से अपने सूरजपुर गांव के रिश्तेदारों से मिलने गए हुए हैं और छोटे भाई ने अपने दोस्तों के साथ आईमैक्स मॉल जाकर बड़ी स्क्रीन पर मैच देखने का प्लान बना रखा है। ऐसे में मैं अकेला रह गया हूं। इस तरह के मैच में मजा तभी आता है जब छह—सात लोग एक साथ मैच देखें।
फिर तय प्लान के मुताबिक सुदीप दीप्ति के घर पर पहुंच गया। जैसे ही फाइनल मैच शुरू हुआ सुदीप, दीप्ति और दीप्ति के दीप्ति के पापा चिरंजीवी त्रिपाठी दिल थाम कर बैठ गए।
आस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर फील्डिंग की राह पकड़ी और टीम इंडिया ने बैटिंग का मोर्चा संभाला। टीम इंडिया ने अच्छी बैटिंग की पर धीमी रनरेट रहने के कारण मैच पर पकड़ ढीली हो गई। अपनी पारी पूरी होने तक टीम इंडिया केवल 240 रन ही बना सकी।
सुदीप और दीप्ति तथा चिरंजीवी मायूस हो गए। बच्चों को चिंतित देखकर चिरंजीवी ने उनसे दिलासा भरे स्वर में कहा — बेटा! हौसला रखो। अगर अपने बॉलरों और फील्डरों ने मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभाई तो बाजी इंडिया के फेवर में होगी। अगर इस क्रिटिकल मैच में टीम इंडिया जीती तो हम सब अपने पड़ोसी निरंजन चटर्जी के साथ मिलकर छत पर आतिशबाजी करेंगे। वे और उनकी फैमिली भी क्रिकेट मैचों की दीवानी है। मैंने दीवाली के टाइम काफी एक्सट्रा पटाखे लेकर रखे थे। वे सब काम आ जाएंगे।
पर हाय री किस्मत! सोचो कुछ, हुआ कुछ! टीम इंडिया आस्ट्रेलिया के बैट्समैनों के कारण यह मैच हार गई।
मैच का नतीजा देखकर पूरे पटना शहर के साथ दीप्ति और निरंजन चटर्जी के घर पर भी सन्नाटा पसर गया। ऐसा लग रहा था मानो किसी अपशकुनी साये के कारण सब जगह मायूसी छा गई हो।
मैच के नतीजे को देखकर टीम इंडिया के कई दीवने रोने—रोने को हो गए और दीप्ति तथा सुदीप के चेहरे भी लटक गए। चिरंजीवी के मुंह से तो बोल ही नहीं फूट रहे थे। वे बस इतना ही बड़े ही अजीब ढंग से बुदबुदाते हुए कह सके — बेटा! सारे अरमान धरे के धरे रह गए।
इस मायूसी के माहौल में निरंजन चटर्जी अपनी पत्नी सुलभा चटर्जी के साथ चिरंजीवी के घर पहुंचे। ठंडे से नमस्कार—चमत्कार के बाद निरंजन बोले — एई भालो नेईं हुआ। टीम इंडिया हार गया।
चिरंजीवी भी उनकी हां में हां मिलाते हुए बोले — हां, भाई साहब! हम सब बेहद मायूस हैं। ऐसा लगता है मानो मैदान ए जंग में बहुत बड़ी मात हुई हो। ये बच्चे भी बेहद उदास हैं।
क्रमश:
(काल्पनिक कहानी )