चैप्टर -1
राजकिरण मेमोरियल आर्ट्स कालेज में लंच का समय था। पूरा स्टाफ स्टाफ रूम में बैठकर लंच का आनंद ले रहा था कि तभी पियून जसराज दौड़ा-दौड़ा आया। हाथ में एक कागज थामे हुए। उसे देखकर सबलोग हैरान रह गए। वह बुरी तरह से हांफ रहा था। उसकी यह हालत देखकर हिंदी के प्रोफेसर रणविजय श्रीवास्तव से नहीं रहा गया। वे बेचेन होकर पूछ बैठे- क्या बात है जसराज? इतने घबराए हुए क्यों हो?
जसराज ने हांफते-कांपते कहा- प्रिंसिपल सर ने लंच के तुरंत बाद अर्जेंट मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग के बारे में उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया है। बस इतना कहा है कि सबको हाजिर होना है। उन्होंने जो कागज मुझे दिया है उसी में यह बात लिखी हुई है।
जसराज की बात सुनकर मनोविज्ञान की प्रोफेसर रंजना परिहार ने कहा – ओह! यह तो बहुत विचित्र बात है। प्रिंसिपल सर ने मीटिंग का एजेंडा क्यों नहीं बताया?
उर्दू के प्रोफेसर जावेद अंसारी बोले – मुझे लगता है जरूर यह मीटिंग बेहद संजीदा होने वाली है। कहीं हममें से किसी को फायर तो नहीं किया जाने वाला?
वैसे प्रिंसिपल साहब अपने अनूठे फैसलों से हमें पहले भी चौंकाते रहे हैं। मुझे तो इसमें कोई खास बात नहीं लगती। अब उन्होंने मीटिंग में सबको बुलाया है तो चले चलेंगे। डरने की क्या बात है? – कंप्यूटर एप्लीकेशन की असिस्टेंट प्रोफेसर रत्ना वर्गीज ने अपने दिमाग में प्रिंसिपल के साथ हुई पिछली मुलाकातों की यादें टटोलते हुए कहा।
मुझे लगता है कि रत्ना मैडम सही कह रही हैं। हम बेकार में ही डर रहे हैं। क्यों निगेटिव बातें अभी से सोचें? जब मीटिंग होगी सब पता चल ही जाएगा। ये विचार जताए हिस्ट्री के असिस्टेंट प्रोफेसर सतविंदर सिंह गिल ने।
फिर तमाम स्टाफ ने जल्दी-जल्दी लंच का कोटा पूरा किया और कुछ ही देर में सब लोग प्रिंसिपल समरेश रिछारिया के केबिन के बगल में बने मीटिंग रूम में पहुंच कर अपनी-अपनी जगह पर बैठ गए।
कुछ ही देर में प्रिंसिपल रिछारिया आए और नमस्कार-चमत्कार के बाद उन्होंने कहा – अच्छा है सब लोग आ गए। दरअसल, यह मीटिंग मैंने एक बेहद संजीदा काम के लिए बुलाई है। मुझे लगा कि इस सिलसिले में कोई भी फैसला करने से पहले आप सबकी राय ले लेना ठीक रहेगा। अतः मेरा आप सबसे आग्रह है कि कृपया अपनी राय बताने में हिचके नहीं। आपके राय-मशविरे के बाद ही कोई फैसला करने में मुझे आसानी होगी।
प्रोफेसर रणविजय- सर! वो तो सब ठीक है। पर हमें उत्सुकता इस बात की है कि इस मीटिंग में किस बात के बारे में फैसला विचार-विमर्श करके होगा। क्या आप हम में से किसी को फायर करने वाले हैं? जब से आपका मीटिंग के बारे में संदेश मिला है, हम यही कयास लगा रहे हैं कि सर ने आज अचानक हमें क्यों मीटिंग के लिए बुला लिया?
क्रमशः
(काल्पनिक कहानी)