सुशीला तिवारी पश्चिम गांव, रायबरेली
शक
जी हां !
शक एक ऐसी मानसिक स्थिति है,,,
जो इन्सान के अन्दर एक जन्म ले लेने के बाद जल्दी से फिर वो हटती नही है । जिससे व्यक्ति उलझकर अशान्त होकर निरन्तर परेशान रहता है,और ये शक अगर किसी स्त्री या पुरुष के वैवाहिक जीवन के बीच में आ गया तो सम्बन्ध ही दांव पर लग जाते हैं ,दरार पड़कर सम्बन्ध टूटने की कगार पर आ जाते हैं ,जीवन अस्त व्यस्त होकर इन्सान असामान्य होकर अशान्त हो जाता है।
शक होने पर सहज भाव से बैठकर आपस में बातचीत द्वारा निवारण करना चाहिए ,वरना भ्रामक शक भरा-पूरा घर बर्बाद होने में जरा भी देर नही लगाता ।
कभी-कभार किया गया शक सही भी उतरता है ,पर बहुत कम हर जगह पर नही ,इसलिए शक होने की स्थिति उत्पन्न होने पर खुद खूब सोंच समझकर तब सही निर्णय लेना ही उचित होता है।
शक रूपी दानव बड़े बड़े समझदार और सम्पन्न लोगो के सुख चैन सब निगल रहा है, जैसे कि तलाक इसका मुख्य
उदाहरण है ।
इसलिए ये कथन गलत नही पूर्णतया सत्य है,,,,,,
कि शक सुखी और सफल जीवन को व्याकुल और अशान्त जीवन बना देता है ।
शक’ नकारात्मक सोच का गलत परिणाम!
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संस्कार हीनता
क्या एक स्त्री
परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए भागम-भाग जीवन में थोड़ा सा समय निकाल कर खुद की शर्तो पर जी लेना संस्कार हीन कहलाता है ?
जिंदगी की हर सुबह नयी शर्ते लेकर आती है,शर्ते भी कभी कभी मनचाही होती हैं कभी अनचाही कभी आसान तो कभी मुश्किलों से भरी हुई !
पर कहते हैं न ज़िन्दगी कहाँ आसान होती है, शर्तों के साथ ही सही,पर निभानी पडती है, आसान बनानी पडती है ।
हर किसी के जीवन में साथ देने वाला परिवार, समझने वाला पति,सही आचरण करने वाले संस्कारित बच्चे नही मिल पाते ।
तब एक स्त्री खुद को असहज महसूस करती हुई भी हर दिन हर सुबह नयी शर्त नया इम्तिहान देने के लिए तैयार रहती है ।
यह हम पर निर्भर करता है हम इन शर्तो के सामने झुक कर इसे निभाते हैं,या सर उठाकर इन शर्तो से पार हो जाते हैं।
आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास से सब कुछ संभव है,बस जरूरत है तो थोड़े से हौसले और खुद पर विश्वास की।
क्योकि कहते हैं ना,,,
कि परेशान तो हर कोई है तो मैं भी हूँ तुम्हारी तरह इस जिंदगी में पर समझ बूझ कर चलने, मुस्कुरा के जीने में क्या जाता है।
मुस्कुरा के जीने में ही तो जिंदगी का सफर
आसान हो आता है।
सवाल ये है कि,,,,,,
क्या खुद के लिए थोड़ा सा जी लेना संस्कार हीनता का परिचायक है !
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बहुत सुंदर लेख
बहुत सुंदर लेख