चैप्टर—2
उस समय हर्षद के परिजनों को यही लग रहा था कि भले ही कितना पैसा खर्च हो जाए पर हर्षद ठीक हो जाएंगे। वे यही भाव मन में लिए ईध्वर से प्रार्थना करने में लगे रहे।
हर्षद की जब तबियत में सुधार हुआ और उन्होंने अपने आप को अस्पताल में परिजनों से घिरा पाया तो आंखें मलते हुए पूछा — क्या बात है? मैं यहां कैसे आ गया?
इन सवालों के जवाब में सुनंदा ने सुबह से देर रात तक के घटनाक्रम के बारे में उन्हें बताया। हर्षद को यह जानकर गहरा संतोष हुआ कि सुनंदा, गिरधर और सोनम ने समय पर सही कदम उठाकर उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया। वरना उनके साथ कुछ भी हो सकता था। वे सोनम से बोले — बेटा आज का दिन अच्छा नहीं था। आज सबधाणी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट थी। अपने पास इस ग्रुप के 10 हजार शेयर हैं। मैंने करीब 10 लाख रुपये इसी ग्रुप की तीन कंपनियों में लगा रखे हैं।
पापा! अभी मत याद करो ये सब बातें। कहीं दोबारा कोई समस्या पैदा नहीं हो जाए। सोनम ने उनकी बात बीच में ही काटते हुए कहा।
सुनंदा भी चिंतित स्वर में बोलीं — डियर! आपको ब्लड प्रेशर है और शुगर की भी समस्या है। आप अपना डेली ट्रेडिंग का यह काम छोड़ क्यों नहीं देते? आखिर क्या कमी है अपने पास? आपकी 50 हजार रुपये महीने से अधिक की तो पेंशन आती है। मेरी और सोनम की पोस्ट आफिस की मासिक आय योजना में निवेश है। गिरधर पार्ट टाइम काम करके थोड़ा—बहुत कमा कर अपना खर्च निकाल लेता है। फिर क्यों शेयर मार्केट का काम…. ?
गिरधर— पापा! जरा अपनी उम्र तो देखो। करीब 61 के हो गए हो। पीडब्ल्यूडी विभाग में जोनल इंजीनियर के पद से 2 माह पहले रिटायरमेंट के बाद आपको जाने क्या सनक छूटी जो शेयर मार्केट में इतना पैसा लगा दिया?
यह कहते—कहते उसे लगा कि हो सकता है कि पापा को उसकी बात को बुरा लग जाए और कहीं उनका ब्लड प्रेशर न बढ़ जाए। अत: बाकी शब्दों को उसने चबा जाना ही उचित समझा। फिर कुछ देर रुककर बोला — पापा! अब तो आप जिंदगी एंजाय करो। मेरा एमए का कोर्स अगले साल पूरा होने ही वाला है। सोनम घर—बाहर के कामकाज में एक्सपर्ट हो गई है। इसकी भी पोस्ट ग्रैजुएशन इन कंप्यूटर एप्लिकेशन का कोर्स दो महीने बाद पूरा होने वाला है। बस, आप तो इसके लिए लड़का तलाशना शुरू कर दो। ताकि एक—डेढ़ साल में इसकी शादी हो जाए।
शादी नाम सुनकर सोनम के मन में लड्डू तो फूटा पर चेहरे पर नकली गुस्से का भाव लाते हुए बोली — मम्मा! देखो न, भइया मुझे घर से जल्दी भगाना चाहता है।
सोनम की बात सुनकर हर्षद के चेहरे पर थोड़ी मुस्कान आ गई। वे बोले — बेटा! सोनम और गिरधर की शादी धूमधाम करने के लिए मैं यह सब कर रहा हूं। तुम दोनों मेरी बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हो। मैं शेयर मार्कट के काम से वैसे तो हर दिन 10—15 हजार रुपये कमा लेता हूं। पर आज जाने क्या हुआ? एकदम से अपने सब शेयरों की कीमत लुढ़कने लगी।
क्रमश:
(काल्पनिक कहानी )