चैप्टर – 1
हर रोज उदास से दिखने वाले आशुतोष के चेहरे पर आज गजब की रौनक थी। ऐसा लग रहा था मानो वह बहुत बड़ा मैदान फतह करके आया हो। उसे खुश देखकर पी राजू ने पूछा — और बाई क्या बात है? आज तो बेहद खुश दिक रहे हो।
आशुतोष — हां यार! आज का दिन मेरे लिए बहुत लकी साबित हुआ। पता है आज मैंने कुबेरनेट डॉटकॉम पर सामान्य ज्ञान के पांच सवालों के सही जवाब देकर पूरे पांच सौ रुपये जीते हैं।
पी राजू — अच्चा? पूरे पांच सौ रुपये तुम जीता। बाई बता न कैसे यह प्राइज जीता? हमको पइसों की सक्त जरूरत रे!
आशुतोष — बस, मैं केवल 100 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस भरकर कुबेरनेट डॉटकॉम से जुड़ गया हूं। इससे मुझे उनके द्वारा कराई जाने वाले क्विज कम्पटीशन, गेम्स कम्पटीशन आदि में भाग लेने का छह माह के लिए मौका मिल गया है। इसके अलावा यह वेबसाइट समय समय पर स्पेशल गेम्स कॉम्पिटिशन भी कराती है इनमे विशेष फीस देकर भाग लिया जा सकता है। बस, आज मैंने क्विज कम्पटीशन खेला। पांच आसान से सवालों के जवाब केवल 5 मिनट में दिए और प्राइजमनी मेरे टीएनबी बैंक के खाते में सीधे आनलाइन जमा हो गया।
पी राजू — ये क्विज वाला सवाल क्या था जी?
आशुतोष — यही कि ताजमहल किस देश में है? मध्यप्रदेश की राजधानी क्या है? अमेरिका का मौजूदा प्रेसिडेंट कौन है? धरती का उपग्रह कौन है? और बांसुरी कौन से भगवान बजाते थे?
पी राजू — तुम बहोत इंटेलिजेंट जी! ये सब सवाल का तुमने सब करेक्ट जवाब दिया होइंगा! आई एम प्राउड आफॅ यू! मेरा भी इस वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवा देना जी! मैं भी कुछ प्राइज—व्राइज जीतने की कोशिश करेगा। इन दिनों वैसइ हालत खराब।
आशुतोष — क्यों क्या हो गया?
पी राजू — अरे कुच नई जी। वो मेरा पापा तीन महीने से बीमार जी। ड्यूटी नईं जा पा रहा है। सैलरी कट हो रहा है। मम्मा बड़ी मुश्किल से घर का खर्चा चलाती। मैं भी अपना खरच कम कर दिया। पइले हर वीक सिनेमा जाता था। अब महीने में एक बार इ जा पाता। पहले ब्रेड के साथ जैम खाता था अब सूखी ब्रेड मार्निंग में निगलता! न मौज, न मस्ती! अब मेरे जेब में पॉकेटमनी का केवल पांच सौ रुपया! मैं सोचता कि अगर मैं इस वेबसाइट का मेंबर बन जाता तो कमाई हो जाता। तू मेरे को कापरेट करना!
आशुतोष — हां,हां क्यों नहीं! आखिर मुसीबत में तो फ्रेंड ही फ्रेंड के काम आता है।
आशुतोष और पी राजू दोनों ही इंदौर के बीकेएस कालेज में सेकेंड ईयर के स्टूडेंट हैं। ये दोनों एक ही सेक्शन में हैं। इनकी दोस्ती करीब पांच साल पहले शुरू हुई थी। पी राजू के पापा—मम्मी मूलत: केरल के हैं। पापा पी रवींद्रन मध्यप्रदेश के फारेस्ट विभाग में अधिकारी हैं और मम्मी जगदंबा राजुल मल्टी स्पेशलियटी हॉस्पिटल में नर्स का काम करती हैं। आशुतोष के रिश्तेदार पहले ग्वालियर में रहते थे पर वहां दस साल पहले सूखा पड़ जाने के कारण वह अपने दादा मणिकांत, दादी प्रतिभा और पिता सूर्यकांत के साथ इंदौर आकर बस गए थे। आशुतोष की मां पार्वती का असामयिक हार्ट अटैक होने से दो साल पहले ही निधन हो गया था। उसके पापा एक प्राइवेट फर्म में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
संडे के दिन पी राजू भी रजिस्ट्रेशन फीस भरकर कुबेरनेट डॉटकॉम से जुड़ गया। उसने क्रिकेट के आनलाइन गेम में केरला इलेवन टीम के जीतने की प्रिडिक्शन की। करीब डेढ़ घंटे के गेम के बाद सचमुच केरला इलेवन टीम ही वह कांटे की संघर्ष वाला मैच जीत गई। उसे बतौर इनाम 1000 रुपये मिले। वह खुशी से झूमने लगा।
इनाम के पैसे एकाउंट में आते ही वह आशुतोष से बोला — थैंक्यू फ्रेंड! आज मइने देख लिया कि तेरी दोस्ती मेरे लिए कितना लकी! आज मेरे पैर पर जमीन पर नईं पड़ते जी! बताओ! कौन सा काम एइसा जो केवल 90 मिनट में 1000 रुपये दिला दे? मैं बोलूंगा कि कुबेरनेट डॉटकॉम के गेम्स जी! चलो आज इस खुशी में हम तुमको सनराइज रेस्टोरेंट में पार्टी देता! मैं अपनी गर्लफ्रेंड निशा को भी इस पार्टी में बुलाएगा। आखिर वो भी तो अपनी क्लास मेट!
आशुतोष — ठीक है न! तो शाम को पार्टी पक्का न!
पी राजू — बिलकुल पक्का। ये कुबेरनेट लगता है हम सबको करोड़पति बना के ही छोड़ेगा। मैं भी इसके गेम खेलकर इनाम जीतकर करोड़पति बनूंगा!
क्रमशः (काल्पनिक कहानी )