रचनाकार : यशवन्त कोठारी,जयपुर
भारत भोजन प्रधान देश है .सोशल मीडिया में फ़ूड ब्लागरों की बाढ़ आई हुई है .कभी लगता है भारत में सब बस खा ही रहे हैं ,महिलाओं की पूरी जिन्दगी किचन में ही निकल जाती हैं नयी पीढ़ी खाना ओन – लाइन बाहर से मंगवाती है,लेकिन खाना सिखाने वाले इतने हो गए हैं की समझ में नहीं आता किस से सीखे और कितना सीखे ,और सीख कर क्या करें?
एक ही रेसिपी को बनाने के सौ तरीके .एक मोहतरमा ने तो गज़ब कर दिया बोली –आज मैं आपको लोकी के शानदार, धारदार, स्वाददार व्यंजन बनाना सिखाती हूँ .मोहतरमा ने लोकी का रायता लोकी के परांठे ,लोकी के कोफ्ते ,लोकी का हलवा ,लोकी की सूखी सब्जी, लोकी की दही वाली सब्जी ,लोकी की पनीर की सब्जी ,लोकी की पकोडी की सब्जी, लोकी के कटलेट्स लोकी के सेंड विच ,लोकी का जूस और भी न जाने जाने क्या क्या मगर सब लोकी के .धर्म पत्नी सुबह से ही कागज पेन लेकर लोकी पुराण को लिखती रही ,
इस व्यस्तता के कारण खाना बाहर से आया जो ठंडा और बेस्वाद था मगर शिकायत करने पर लौकी के पराठे खाने की सजा मिल सकती थी ,सो झेल गया ,घर के दूसरे सदस्य समस्या को समझ गए थे सो बाहर खायेंगे कह कर प्रस्थान कर गए .पहले घर के खाने पे जोर था अब मध्यम वर्गीय घरों में भी कुक आते है या आती है उस के बावजूद यह रेसिपी बनाने वालों का ज्ञान बाँटना .मोबाइल की कृपा से सब जगह एक ही रेसिपी घूमने लग जाती है .खाओ खिलाओ .
इन फ़ूड ब्लागरों की असली समस्या सब्सक्राइब करे ,घंटी का बटन दबाये कमेंट करे ,लाइक करे है .खुद खाए या न खाए लेकिन दर्शकों और उनके घर वालों को खिलाये बिना नहीं मानते .तारीफ जरूरी है इससे मनोबल और उत्साह बढ़ता है ,लेकिन कोई कितना खाए कितना फेंके कितना डीप फ्रिज में रखे ,रेसिपी है की कभी ख़तम ही नहीं होती .
दूसरी और डाक्टरों की हिदायतें भी गज़ब की है . और घर की शांति के लिए जो नयी रेसिपी आज यू ट्यूब से सीखी उसे निगलना पड़ता है .
(क्रमश:)
कल्पनिक रचना
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यशवन्त कोठारी: जीवनवृत्त-1
नाम: यशवन्त कोठारी
जन्म: 3 मई, 1950, नाथद्वारा, राजस्थान
शिक्षा: एम.एस.सी. -रसायन विज्ञान ‘राजस्थान विश्व विद्यालय’ प्रथम श्रेणी – 1971 जी.आर.ई., टोफेल 1976, आयुर्वेदरत्न
प्रकाशन: लगभग 2000 लेख, निबन्ध, कहानियाँ, आवरण कथाएँ, धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, सारिका, नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, भास्कर, नवज्योती, राष्ट्रदूत साप्ताहिक, अमर उजाला, नई दुनिया, स्वतंत्र भारत, मिलाप, ट्रिव्यून, मधुमती, स्वागत आदि में प्रकाशित/ आकाशवाणी / दूरदर्शन …इन्टरनेट से प्रसारित ।अमेज़न KINDLE , pocket FM .in पर ऑडियो बुक्स व् Matrbharati पर बुक्स
(क्रमश:)
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