नववर्ष
खुशियों को लेकर आये इस बार नया साल ।
उम्मीद करें हो ये ,,,,,,,,वफादार नया साल ।।
स्वागत में इसके हम पलकें बिछाये बैठे हैं,
मुझको दिलाये अच्छे से, उपहार नया साल ।
चौबीस की कर रहे हम बिदाई दुखी मन से,
दरवाजा झांक देखा आ रहा यार नया साल ।
तुम जा रहे जो चौबीस तो कुछ न दोष मेरा,
तेरा तो हो गया है बस ,,गुनहगार नया साल ।
आ जाओ साल पच्चीस है खैर मकदम तेरा ,
तुमसे ही होगा हयात- ए- गुलजार नया साल ।
खुशियों के रंग बरसे,,,,,,, इस सारे जहान में ,
खुशहाली हो ‘सुशीला” हो रंगदार नया साल ।
-सुशीला तिवारी. पश्चिम गांव, रायबरेली
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नव वर्ष की नई सुबह
कहें अलविदा हम चोविस को,
स्वागत पचीस का कर लें ।
नई सुबह के नये सूर्य को,
झुक कर आज नमन कर लें ।।
फैल रहा अज्ञान तिमिर भी,
चारों तरफ अँधेरा है ।
मिल कर साथ चलें जो हम सब,
आए नया सवेरा है।।
हँस कर विदा करो जो बीता,
अब कब आए जीवन में।
कड़वी यादों को मत रखना,
भूले से भी निज मन में।।
सुख के नव सोते फूटेंगे,
नए पुष्प खिल जाएंगे।
सींचेगा इन सबको माली,
अमन चैन मिल जाएंगे।।
झूमो नाचो गाओ यारों,
साल नया है फिर आया।
रख सुरूर इतना ही जितना,
संतों ने है बतलाया ।।
कोई ऐसी बात करो मत,
अपने बैरी हो जाएं।
पूनम की रातें भी अपनी।
काली काली हो जाएं।
तुम्हें मुबारक नए साल का,
नव सूरज प्यारा- प्यारा।
महक उठे घर आंगन सबका,
चढ़ा रहे सुख का पारा।।
-पंकज शर्मा”तरुण” , मंदसौर (म.प्र.)
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नव वर्ष में प्रभु
नव वर्ष में प्रभु सबका करना उपकार
प्रभु प्यार का है ये क्या असर
तुझे देखती रहूँ भर नज़र
आठों पहर ,,आठों पहर ।
मेरे हाल पर बदहाल पर मेरे
श्याम रखना तुम नज़र
आठों पहर ,,आठों पहर
मेरा मन कहे तुम पास हो
किसी रूप में मेरे साथ हो
इसी आस में मेरे प्राण हैं
जाने कब मिलेगा तू किस डगर
आठों पहर,, आठों पहर
तेरा हर जगह ही तो वास है
इसी वास्ते विश्वास है
तुझे ढूँढ लूँगी मैं प्रभु
चाहे इस नगर चाहे उस नगर
आठों पहर ,,आठों पहर
तेरे प्यार में बदनाम हूँ
यही कह दो तेरा श्याम हूँ
इस दासी पर धरा वासी पर
“शबनम” पे रखना तुम नज़र
आठों पहर ,,आठों पहर ,,,
तुझे देखती रहूँ भर नज़र
आठों पहर,,आठों पहर
– शबनम मेहरोत्रा,कानपुर
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