यशवन्त कोठारी, जयपुर
प्रेम प्रसंग विवाह, विवाहपूर्व और विवाहत्तेर सम्बन्धों के कारण स्त्री पुरूष में बडी तेजी से बदालाव आयाहैंे देश में भी ओर विदेशों में भी ऐसे सैंकडों सर्वेक्षण किये है। पीएचडी हुए है। शोध प्रबन्ध छपें हैं और छपते रहंेगे। वास्तव में यह कभी न समाप्त होने वाला विषय है। और इसे इसी रूप में देखा जाना चाहिये। प्रेम के बिना जीवन की कल्पना करना भी दुष्कर है।
प्रेम मानवता है जीवन है समन्दर है प्रेम स्वयं घायल होकर भी दूसरे से प्यार करता है दो प्यारे हृद्यों के बीच ही स्वर्ग का वास हैं। प्रेम की शक्ति का विकास करो। जीवन की समस्त बुराईयों की दवा है प्यार। आसक्ति से प्रेम का प्रस्फुटन होता हैं प्रेम समुद्र है प्रेम वायु हैं आकाश है। पृथ्वी है। प्रेम एक आग है। प्रेम दरिया है। प्रेम अनन्त और अगाध है। प्रेम ईश्वर है। लव इज गॉड, गॉड इज लव एक विश्वव्यापक अवधारणा है प्रेम तीनों लोकों और चौदह खण्डों में व्याप्त है।
प्रेम सूरज की किरण है। घूप है। प्रेम तो जन्म जन्मान्तर का बंधंन है। प्रेम में बलिदान त्याग राग है प्रेम वही कर सकता है जो बलिदान कर सकता है प्रेम यर्थात में एक पुल है। जो दो अजनबियों में एकता स्थापित करता है। प्रेम उपर की ओर जाता है।
ईश्क व मुश्क छिपायें नहीं छिपता है। प्रीत पलकों से झांकती है। प्रेम, प्यार, मुहब्बत, अनुराग, क्रीडा, केलि, आनन्द, आसक्ति, अनुशक्ति, ईश्क, उल्फत, चाहत, प्रणय, प्रीति, रति, राग, लगन, रोमांन्स आदि प्रेम के नाम है प्रेम की थाह पाना बडा मुश्किल है। प्रेम तो समुद्र है। आग का दरिया है और डूब के पार जाना है। शक्ति का प्रेम नुकसान करता है। प्रेम की शक्ति विकास करती है। भौतिक और आध्यात्मिक प्रेम दोनांे ही जीवन के लिए आवश्यक है।
भारत में जिस प्रकार सखिभाव से उपासना का विकास हुआ ठीक उसी प्रकार यूनान में पुरूष लोग किन्नर बनकर सखीभाव ग्रहण कर आजन्म कामदेवी की उपासना करते थे।
यूनानी देवता मन्दिर में नग्न रहते थें वसंन्त ऋतु में उनके लिंग को गुलाब की माला पहनाई जाती थी। रोमन देवता म्यूरिकस भी इसी प्रकार थे। कोरिया के काम देवी के मन्दिर में वेश्याएं रहती थी।
आर्मिनिया की कामदेवी अनाउतीज के मन्दिर में लोग अविवाहित कन्या चढाते थें।
काम वासना एक मौलिक अधिकार की तरह है। कामवासना मानव के स्वभाव के साथ लगी हुई है। यह आकर्षण अन्नत काल से चल रहा है। सृष्टि भी पुरूष व प्रकृति के संयोग से बनी है। महाकाया भी सत्य है। और परब्रहम भी सत्य हैं काम का अर्थ सुख है।
(क्रमश:)
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