चैप्टर – 1
सुबह चाय की चुस्कियां लेने के साथ ही श्वेता ने जैसे ही अखबार का पहला पन्ना देखा वह एक हेडलाइन देखकर चौंक गई । उसने धड़कते दिल के साथ वह खबर जल्दी—जल्दी पढ़ी। खबर में बताया गया था —
विरमानी खानदान का इकलौता चिराग फुटपाथ पर बुझ गया।
जयपुर। मंगलवार की शाम शहर के जाने—माने उद्योगपति विरमानी खानदान के इकलौते वारिस राहुल विरमानी के लिए जिंदगी की आखिरी शाम साबित हुई। वह फुटपाथ पर बैठा भीख मांग रहा था कि तभी एक अनिय़ंत्रित ट्रक उसके उपर चढ़ गया और राहुल ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। इस दुर्घटना में राहुल को तो अपनी जिंदगी गंवानी ही पड़ी साथ ही तीन लोग और गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को समीप के जीपीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
फुटपाथ! भीख!! राहुल!!! दुर्घटना!!! विरमानी खानदान!!!!! ये शब्द श्वेता के दिमाग में बार—बार कौंधने लगे। उसकी आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा। यह क्या हो गया? राहुल ऐसी हालत में कैसे पहुंच गया? अब विरमानी खानदान में कौन—कौन रह गया है? आदि जैसे सवाल उसके मन में सैलाब की तरह उमड़ने लगे।
तभी श्वेता के पति अमिताभ की आवाज ने इन सैलाबों पर अल्पविराम सा लगा दिया। वह कॉलेज जाने की तैयारी करते हुए अपना रूमाल ढूंढ रहा था। काफी कोशिशें करने के बाद जब वह विफल रहा तो उसका मूड उखड़ गया। वह कड़ी आवाज में बोला— तुमने मेरा नीला चेकवाला रूमाल देखा क्या?
श्वेता घबराहट भरे स्वर में बोली….
श्वेता – वो सब छोड़ो! तुम्हें रूमाल की पड़ी है! रूमाल ढूंढने के बजाय आज का अखबार पढ़ो। राहुल विरमानी की मौत हो गई है।
अमिताभ – हैं? क्या हुआ राहुल को? कैसे उसकी मौत हो गई? अमिताभ ने एक ही सांस में ढेरों सवाल श्वेता की ओर दाग दिए। उसने भी वह खबर जल्दी—जल्दी पढ़ी। खबर पढ़ने के साथ ही दोनों की आंखों में आंसू आ गए। इन दोनों के मन में राहुल की जिंदगी से जुड़े दृश्य फिल्म की तरह घूमने लगे।
क्रमशः