पंकज शर्मा “तरुण ” पिपलिया मंडी जिला मंदसौर (म.प्र)
मुझे अपने मित्र राजेश के विवाह में जाने का अवसर मिला।
राजेश एक छोटे से कस्बे में निवास करता था और बारात जिला स्तर पर गई जिसमें मैं भी गया था।जब राजेश की बारात जनवासे से प्रोसेशन निकाला तब साथ पीछे पीछे जनरेटर से मजदूरों के सिर पर रखे लैंप को ऊर्जा देने के लिए चल रहा था।वह शायद डीजल के स्थान पर मिट्टी के तेल से चलाया जा रहा था!क्योंकि इससे जो धुंआ निकल रहा था बहुत ही बदबूदार काला था।जिससे प्रोसेशन में चल रहे अनेकों लोगों का जी घबरा रहा था।
कई लोग प्रोसेशन से अलग हो गए थे।मगर जो मजदूर युवक युवतियां थी उनमें बड़ी बैचेनी हो रही थी। बाराती डी जे की कान फोड़ू गाने पर नृत्य कर रहे थे शायद वे भी नशे की गिरफ्त में थे!कुछ वृद्ध जो बारातियों के साथ थे काफी घुटन महसूस कर रहे थे।
दूल्हे के पिता ने तो कई बार डी जे वाले को आवाज कम करने के लिए संदेश भेजा मगर नृत्य करने वाले युवा इस पर नाराज थे।दूसरे बुजुर्ग ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा सहन करिए यार एक दिन की ही तो बात है !!
प्रदूषण के फैलाने में हम स्वयं जिम्मेदार हैं।एक ओर जनरेटर से वायु प्रदूषण फैल रहा है दूसरी ओर डी जे की असहनीय आवाज ध्वनि प्रदूषण फैला कर लोगों को बधिर बना रहे हैं।
यह वाकई घुटन भरा है।
( काल्पनिक रचना)
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आदरणीय नमस्ते,
मेरी रचना को शिविका डॉट कॉम पर प्रकाशित करने का आपका हार्दिक आभार आदरणीय।