रचनाकार: शबनम मेहरोत्रा, कानपुर
रतनलाल नगर , कानपुर।
रीना – किचिन से ही कहती है , सुनिये नाश्ता टेबिल पर लगा दिया है , आप और बंटी कर लिजिये । लॉकडाऊन कि वजह से बँटी का स्कूल बंद है । मुझे ऑनलाइन क्लासेज़ लेनी हैं मैं बाद में कर लूँगी । जाते में दरवाज़ा ठीक से बंद कर दीजियेगा ।
दरवाज़ा बंद कर रोहित बैंक कि तरफ़ निकल जाता है । रोज़ कि तरह काम कर शाम 5 बजे घर के लिए रवाना हो जाता है । कॉल बैल बजाते ही अवाज लगाता है – रीना जल्दी दरवाज़ा खोलो ।
आई कह रीना दरवाज़ा खोलती है । आप नहा लिजिये मैं चाय लाती हूँ ।
रोहित को रोज शाम नहाने कि आदत थी ।
आज सिर में बहुत दर्द हो रहा है ।इतना कहते ही 8-10 छींके आती है ।
रीना – अरे आप तो बुख़ार में तप रहे हैं ।
डॉक्टर को फ़ोन कर हाल देती हूँ ।
डॉक्टर- पहले करोना का टेस्ट करा लिजिये ।
रैनबैक्सी फ़ोन करती है । 2 घंटे बाद कम्पाउण्डर आकर ब्लड व नाक से सीरम ले कोरोना टैस्ट कि अगले दिन रिपोर्ट देने कह चला जाता है ।
रात खिचड़ी खा रोहित अलग कमरे में सो जाता है ।
सुबह साढ़े दस बजे रिपोर्ट आती है कोरोना पॉज़िटिव!
रोहित दोस्त को फ़ोन कर बताता है यार आज बैंक नहीं आऊँगा मुझे कोरोना हो गया है ।
ये खबर पड़ोसी को लगते ही पूरे रतनलाल नगर में फैल जाती है ।
रीना रोहित के भाई को लखनऊ फ़ोन मिलाकर खबर देती है ।
भाई रोहन कहता है आप तुरंत हॉस्पिटल ले ज़ाये मैं परसों शनिवार व इतवार बैंक बंद रहेगा पहुँचता हूँ ।
रीना घर में ही आईसोलेशन के लिए कहती है ।
रोहन – अरे नहीं अभी बँटी छोटा है इंफ़ेक्शन का डर है ।
पड़ोस में मदद के लिए फ़ोन करती है वो एम्बुलेंस मँगवा देते हैं ।
बँटी को पड़ोस में छोड़ रीना साथ ही हॉस्पिटल चली जाती है , पहुँच कर पता चला ऑक्सीजन लेविल कम है । रात नौ बजे रीना घर लौटकर बँटी को लेने जाती है पड़ोसन हाल लेकर कहती है कुछ खा लो , नहीं सुबह जल्दी जाना है । पड़ोसन पैक कर डिनर देती है ।
सुबह हॉस्पिटल पहुँच पता चलता है कि रोहित आई सी यू में है । नर्स से घबरा कर पूछा क्या हुआ ?
नर्स – ब्लडप्रैशर गिर रहा था और ऑक्सीजन लेबिल 70 रह गया था ।
रीना घबरा कर रोहन को हाल बता कहती है भैया बैंक ख़त्म होते ही आज ही आ जाईये । तबियत ठीक नहीं है ऑक्सीजन लेविल बहुत कम है । ब्लडप्रैशर भी फ़ॉल कर रहा है ।
ठीक है आता हूँ
8 बजे फिर फ़ोन करती है कहाँ पहुँचे भैया ?
रोहन – नहीं भाभी कुछ थकान थी कल सुबह निकलूँगा ।
अगले दिन सुबह आठ बजे बँटी को पड़ोस में छोड़ने जाते ही अचानक से फ़ोन आता है कि रोहित कि मौत हो गई । रीना दहाड़ मार कर रोती है उसका करूण क्रन्दन सुनकर पड़ोसन आ जाती है संतावना दे बँटी को साथ हॉस्पिटल ले जाने कि सलाह देती है।
(क्रमश:)