रचनाकार : शिखा तैलंग
करंजी भी बेहद खुश था। उसने कहा- दोस्तों! मैं अडाणी के बंगले पर जरूर जाउंगा। मेरी दिल की तमन्ना बस यही है कि उनसे यह जाना जाए कि वे इतने बड़े करोड़पति बिजनेसमैन कैसे बने? वह कौन सा तरीका है जिसकी वजह से वे कामयाब हुए ?
इस पर कपिल और करंजी बोले- अरे! तुमने तो हमारे मुंह की बात छीन ली। हम भी वास्तव में यही सब जानना चाहते हैं। अगर तुम अडाणी से परमिशन ले लो कि मेरे दो और दोस्त आपसे मिलना चाहते हैं, तो और अच्छा रहेगा। हमें भरोसा है कि अडाणी तुम्हारी बात मान लेंगे।
करंजी को यह बात जंच गई और वह बोला – ठीक है! मैं कोशिश करता हूं।
जब दोनों दोस्त जलेबी फाफड़ा का नाश्ता करके अपने-अपने घरों को चले गए तो करंजी ने अडाणी का नंबर मिलाया। एक दो बार कोशिश करने के बाद अडाणी से बात हो पाई। अडाणी यह जानकर बेहद खुश हुए कि करंजी अपने दो और दोस्तों को उनसे मिलाना चाहता है। बस, मनचाही मुराद पूरी होते ही करंजी को लगा कि अब उसकी तमाम आर्थिक परेशानियों का निदान अडाणी से मुलाकात के दौरान हो जाएगा।
फिर वह बैचेनी से संडे का इंतजार करने लगा। उसके मन में धुकधुकी लगी हुई थी कि उसके सवालों का अडाणी कहीं बुरा न मान जाएं। एक करोड़पति से रूबरू होने और उनकी निजी जिंदगी में झांकने का उसके लिए यह पहला मौका था।
तय समय और दिन को कपिल, करंजी और रौनक साधारण सी ड्रेस पहनकर अडाणी कें बंगले पर बेहद संकोच के भावों के साथ पहंुचे। वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उनका नाम पता पूछा और बंगले के लाॅन में लगी चार कुसियों की तरफ इशारा करके कहा कि वे वहां बैठ जाएं। साहब उनसे वहीं मुलाकात करेंगे।
अब तीनों दोस्तों के मन में एक साथ कई-कई विचारों के सैलाब उमड़ पड़े। रौनक के माथे पर पसीना आ गया तो कपिल की आवाज कंपने लगी। करंजी भी जैसे-तैसे अपने आप को संभाल पा रहा था। आखिरकार इतने बड़े करोड़पति के साथ लाॅन में बैठकर चाय पीने का इन सबका पहला मौका जो था!
तीनों मारे घबराहट के दो-दो गिलास पानी पी गए। फिर उनके सामने खमण ढोकला हरी चटनी के साथ पेश किया गया। खमण ढोकला उदरस्थ करने के बाद तीनों दोस्तों की घबराहट कम हुई। तभी अडाणी वहां आए। तीनों से बारी-बारी से हाथ मिलाया और बोले- कैसे हो दोस्तों?
करंजी – जी जी जी ठीक हैं, अडाणी जी!
अडाणी – अरे मैं भी आपके जैसा ही इंसान हूं। पारले जी नहीं। फिर क्यो जी लगा रहे हो?
करंजी – साॅरी अडाणी साहब! उसके मुंह से जी फिर निकलने वाला था पर अडाणी की बात सुनकर उसने उसे मुंह में ही निगल लिया।
कपिल – सर! हमे आपसे मिलने की लंबे समय से इच्छा रही है। हम आपकी निजी जिंदगी में झांकना चाहते हैं।
रौनक – हां मोटा भाई! हम जानना चाहते हैं कि आप इस मुकाम पर कैसे पहुंचे वह कौन सी बात है जिसनेे आपको करोड़पति बनाया?
क्रमशः (काल्पनिक स्टोरी )