एक था ‘हीरो’-3
एक हीरो था। उसे कहीं से एक रोटी मिली। वह रोटी को मुंह में दबाकर जा रहा था। तभी रास्ते में एक पुल पडा। उसने पुल से नीचे झांक कर देखा तो नदी में एक मोटी सी मछली उछलती-कूदती दिखाई दी। उसने सोचा कि वाह! क्या मछली है। आज तो मेरी पार्टी हो जाएगी। पहले तो वह उस पर भौंका। उसकी आवाज सुनकर मछली सहम गई और कुछ देर तक पानी से नहीं निकली। तब हीरो ने झट से अपने मुंह की रोटी पानी में गिरा दी और पुल पर खड़ा हो गया। जैसे ही मछली रोटी को चारा समझकर झपटी हीरो ने उसे लपक लिया और जमकर दावत उड़ाई। इस तरह उसनेे रोटी का सदुपयोग कर लिया और अपना पेट भी मछली से भर लिया।
मोरल ऑफ द स्टोरी : यदि कोई बड़ा मौका मिले तो छोटे का त्याग करना ही बेहतर है। बड़ा मौका हाथ से मत जाने दो।
एक था ‘हीरो’-4
एक हीरो था। उसे कहीं से एक रोटी मिली। वह रोटी को मुंह में दबाकर जा रहा था। तभी रास्ते में उसे दूसरा कुत्ता मिला। उसने सोचा कि हीरो को यह रोटी कहां से मिल गई। उसके मन में भी रोटी खाने की इच्छा जग गई। उसने सोचा कि क्यों न पता लगाया जाए कि हीरो यह रोटी लेकर कहां से आ रहा है। उसने हीरो के कदमों के निशानों का पीछा किया। पीछा करते-करते वह एक ढाबे तक पहुंचा जहां वैसी ही ताजी-ताजी गर्म गर्म रोटियां बन रही थीं। वह कुछ देर तो वहीं खड़ा होकर गर्म गर्म सिंकती रोटियों को देखता रहा। फिर उसके दिमाग में एक आइडिया क्लिक हुआ। उसने रोटी पाने के लिए थोड़ी उछल-कूद की, जरा पूंछ मटकाई, थोड़े कान हिलाए और मासूम सा चेहरा बनाकर ढाबे वाले को देखने लगा। ढाबे वाले को उस पर दया आ गई और उसने उस कुत्ते को भी एक रोटी दी। कुत्ते की उस दिन पार्टी हो गई।
मोरल ऑफ द स्टोरी : महान नायकों के नक्शे कदम पर चलकर आप भी कामयाबी पा सकते हैं।
एक था ‘हीरो’-5
एक हीरो था। उसे कहीं से एक रोटी मिली। वह रोटी को मुंह में दबाकर जा रहा था। तभी रास्ते में उसे एक प्यारी सी हीरोइन-मादा श्वान मिली। वह कुछ भूखी और उदास दिख रही थी। हमारे हीरो को उस पर दया आ गई और उसने अपनी आधी रोटी उसे दे दी। हीरोइन ने जैसे रोटी खाई उसे हमारे हीरो में कई खासियतें दिखने लगीं – यह कितना सुंदर है, कितना नेक है और कितना केयरिंग है। उसने अपना दिल हीरो के हवाले कर दिया। इसके बाद हीरो और हीरोइन खुशी खुशी अपना जीवन बिताने लगे। हमारे हीरो की फैमिली बस गई और वह बाकी जिंदगी चैन से बिताने लगा।
मोरल ऑफ द स्टोरी : शेयरिंग इज केयरिंग। यदि छोटे त्याग से बड़ा लाभ हो तो मौका मत गंवाओ।
(काल्पनिक कहानी )