नीलिमा तैलंग, पन्ना (मध्यप्रदेश)
स्कूल और कॉलेज जाती लड़कियों को देखती हूं तो मुझे अक्सर अपने कॉलेज के समय की एक घटना याद आ जाती है।
कॉलेज के हॉस्टल में मेरी एक रूम मेट थी सृष्टि ।मध्यम वर्गीय परिवार से थी ।पढ़ने में होशियार ।सजने संवरने की शौकीन ।अक्सर सज संवर कर घूमने निकल जाती । लौट कर मुझे अपनी बढ़ती महत्वाकांक्षा के सपनीले अनुभव सुनाया करती थी।जिसे सुन कर मुझे बड़ी घबराहट सी हुआ करती थी । किंतु उस समय इस घबराहट को मैं अपने मन का वहम मान लिया करती थी।
धीरे धीरे सृष्टि का मन पढ़ने में कम और घूमने फिरने में अधिक लगने लगा ।रविवार के दिन जब वह शाम को हॉस्टल लौटी तो उसके हाथ में एक महंगा फोन था । मैंने जब उससे इसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि यह उसके दोस्त ने उसे गिफ्ट में दिया है।
अब तो आए दिन सृष्टि घूमने के बहाने से बाहर जाने लगी ।और जब वह लौट कर आती तो उसके हाथ में महंगे महंगे गिफ्ट होते ।कभी कपड़े ,कभी घड़ी तो कभी कुछ और । मैंने उसे कई बार समझाने की कोशिश की , कि बिना स्वार्थ के कोई किसी पर अपना धन या समय खर्च नहीं कर सकता ।किंतु वह मेरी बातों को हंस कर टाल दिया करती थी।
एक दिन उसने मुझे बताया कि गौरव नाम का एक लड़का है जो बहुत अमीर घराने का है ।वो उसे पसंद करता है। एग्जाम होने के बाद शीघ्र ही वे दोनो शादी कर लेंगे। मुझे उसकी बात पर जरा भी यकीन नहीं हुआ । मैंने उसे समझाने की बहुत कोशिश की, कि अच्छा होगा वो अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे । यदि वह लड़का उसे पसंद करता होगा तो अपने माता पिता को तुम्हारे घर भेजेगा । किंतु उस पर मेरे समझाने का बिलकुल असर नहीं हुआ ।
एक दिन वही हुआ जिसका मुझे डर था ।सृष्टि एक दिन रोती हुई मेरे पास आई और उसने मुझे बताया कि उस लड़के ने उसके मोबाइल पर उन दोनों का एक पर्सनल वीडियो भेजा है ।उस लड़के का कहना है कि अगर उसने उसका कहना नहीं माना तो वह इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर देगा । मैंने सृष्टि को धीरज बंधाते हुए तुरंत पुलिस में रिपोर्ट करने को कहा । हम दोनों ने बिना देर किए ही इस विषय में पुलिस को सूचित कर दिया ।पुलिस ने भी अपराधियों को शीघ्र ही पकड़ लिया ।इस प्रकार सृष्टि के साथ कोई बड़ा हादसा होने से बच गया ।
बड़े शहर जाकर पढ़ने वाली बहुत सी लड़कियों के साथ ऐसा होता होगा । मैं सभी पैरेंट्स से अनुरोध करूंगी कि यदि वे अपनी बेटी या बेटे को पढ़ने बाहर भेज रहे हैं तो समय समय पर दोस्त बन कर अपने बच्चों को रिश्तों की अहमियत को अवश्य समझाते रहें । उन्हें समझाएं कि थोड़े से लालच में आकर ऐसा कोई कदम न उठाएं कि उनको जीवन भर पछताना पड़े।
(काल्पनिक रचना)
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