(AI generated Creation)
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प्रस्तुति: शिखा तैलंग, भोपाल
इन दिनों एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जबर्दस्त चर्चा में है। इसे कई लोग इंसानी बुद्धि और समझ के शत्रु के रूप में देखते हैं।ऐसे लोगों का मानना हे कि यह इंसान का दुश्मन है। जबकि इसके समर्थक इसे इंसान के मददगार के तौर पर देखते हैं तथा मानते हैं कि आगने वाला भविष्य एआई का ही होगा। इन विरोधाभासों को देखते हुए ऐसा लगता है कि एआई और इंसानों के बीच एक जंग सी छिड़ गई है। इस जंग में आगे जाकर किसका पलड़ा भारी होगा, आइए जानते हैं इस आर्टिकल में। इसे हमने एआई की मदद से ही तैयार किया है। इसमें व्यक्त विचारों, तथ्यों आदि को लेकर शिविका झरोखा डॉट कॉम कोई उत्तरदायित्व नहीं लेती है—
आज का युग तकनीकी क्रांति का युग है, जहाँ मशीनें न केवल मानव की सहायता कर रही हैं, बल्कि कुछ क्षेत्रों में उनसे आगे भी निकल रही हैं। इस बदलाव का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” या Artificial Intelligence (AI)। जब हम AI की तुलना मानव से करते हैं, तो यह प्रश्न उठता है – क्या मशीनें मानव बुद्धि का विकल्प बन सकती हैं? या फिर मानव मस्तिष्क की गहराई और संवेदनशीलता से परे जाना AI के लिए असंभव है? इस लेख में हम इसी विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से मशीनों को सोचने, समझने, सीखने और निर्णय लेने की क्षमता दी जाती है। यह मानवीय बुद्धिमत्ता का कृत्रिम रूप है, जिसे कंप्यूटर प्रोग्राम और एल्गोरिद्म के माध्यम से विकसित किया गया है।
AI का उपयोग अब केवल रोबोटिक्स तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, रक्षा, परिवहन, बैंकिंग और मनोरंजन जैसे अनेक क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुका है।
मानव बुद्धि की विशेषताएँ
मानव मस्तिष्क अत्यंत जटिल और अद्वितीय है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- भावनाएँ और सहानुभूति: इंसान न केवल सोचता है, बल्कि महसूस करता है। दुख, खुशी, क्रोध, प्रेम जैसी भावनाएँ किसी भी निर्णय को प्रभावित करती हैं।
- अनुभव से सीखना: मानव अपने अनुभवों से लगातार सीखता है और जटिल परिस्थितियों में अनोखे तरीके से प्रतिक्रिया करता है।
- नैतिकता और मूल्यबोध: इंसान अपने कार्यों को नैतिक दृष्टिकोण से आंकता है। वह यह सोचता है कि क्या सही है और क्या गलत।
- रचनात्मकता: मानव मस्तिष्क नए विचार, कला, साहित्य, संगीत और वैज्ञानिक नवाचार उत्पन्न करने में सक्षम है।
AI की क्षमताएँ और सीमाएँ
AI की क्षमताएँ:
- गति और सटीकता: मशीनें बड़ी मात्रा में डाटा को कुछ ही सेकंड में प्रोसेस कर सकती हैं, जो इंसान के लिए संभव नहीं।
- स्वचालित निर्णय: AI बिना थके लगातार निर्णय ले सकती है।
- 24×7 कार्य क्षमता: AI आधारित मशीनें बिना थके काम कर सकती हैं।
- डेटा आधारित भविष्यवाणी: AI एल्गोरिद्म पिछले डेटा के आधार पर भविष्य की संभावनाएँ बता सकते हैं।
क्रमश:
ऐसे ही ए आई पर काफी सारी फिल्में भी बनी है जैसे speilberg की ए आई और हाल ही में आई M3GAN, The Wild Robot उन सारी बातों को संचित कर ए आई को आज और भविष्य में अभिन्न अंग के रूप में प्रस्तुत करते हैं