आखिरी चैप्टर
अशोक — पापा! आपको तो मालूम है कि मैं बिलकुल नहीं पीता। पर उस दिन कुरैशी ने मुझे संतरे का जूस आफर किया था। उसका स्वाद मुझे अच्छा नहीं लगा और मैंने वहीं उसे थूक दिया। इसके बाद क्या हुआ? मुझे मालूम नहीं!
शमशेर — तू सच बोल रहा है बेटा?
अशोक — बिलकुल सच!
शमशेर — अब देखना यह फौजी शेर क्या करके दिखाता है। मुझे लगता है कि कुरैशी ने कोई चाल चली थी। और उसने तुझे फंसाया था। बेटा तू जहां है वहीं रहना जब तक कि सच सामने नहीं आ जाए। मैं यह बात क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन इकबाल साहब के कान में डाल देता हूं।
इसके बाद शमशेर ने इकबाल साहब को फोन लगाया। शमशेर का फोन आने के बाद इकबाल को लगा कि उनकी बात में कुछ दम हो सकता है। अत: उन्होंने अशोक के मामले की जांच कर रहे सतविंदर सिंह को फोन लगाया और वायरल हुए वीडियो के फोरेंसिक जांच कराने के निर्देश दिए।
करीब पंद्रह दिन तक चली वीडियो की फोरेंसिक जांच से सामने आया कि वह वीडियो फर्जी और चालाकी भरी एडिटिग करके बनाया गया था। दरअसल हुआ यह था कि होटल में कुरैशी ने अशोक को हीरों जड़ा गोल्ड नेकलेस दिखाकर पूछा था कि इस ‘हार की कीमत’ क्या होगी?
फिर इस घटनाक्रम की खुफिया कैमरे से वीडियो रिकॉर्डिंग करके और फिर ऐसे एडिट करके मीडिया में पेश किया गया था मानो कुरैशी अशोक से पूछ रहा हो कि एशिया कप के फाइनल मैच में हारने के लिए वह कितने रुपये लेगा?
वीडियो के फर्जी होने का पुख्ता सबूत फोरेंसिक विशेषज्ञों को तब मिला जब उन्होंने देखा कि अशोक के पेंट पर किसी चीज की चमक तो पड़ रही है पर चीज क्या है इसे वीडियो में कट कर दिया गया है। दरअसल, यह चमक हार में जड़े नगीनों की थी!
जांच कमेटी ने इसके बाद अपनी रिपोर्ट मीडिया के सामने पेश की तो संगीता के साथ सब हैरान रह गए। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा था कि पाकिस्तान के कप्तान कुरैशी ने अशोक को फंसाने के लिए यह झूठा वीडियो बनवाकर जारी किया था। अशोक बिलकुल निर्दोष हैं। उन्होंने न कोई रकम ली और न ही रकम के एवज में खराब खेल खेलने का वादा किया है। अत: कमेटी उन पर लगाए गए सट्टेबाजी के तमाम आरोपों को बेबुनियाद करार देती है।
जब संगीता ने यह खबर सुनी तो वह खुशी से उछल पड़ी। अपने बारे में कमेटी की प्रेस कान्फ्रेंस को अशोक ने सराय में अपने कमरे के टीवी पर देखा। उसे यह जानकर संतोष हुआ कि आखिरकार सच वीडियो रूपी झूठ के आवरण को ध्वस्त करके सामने आ ही गया। उसने बेहद खुश होकर संगीता को फोन लगाया।
संगीता तो मानो उसके फोन का ही इंतजार कर रही थी। वह चहकते हुए बोली —सॉरी जानू! मैंने तुम्हारे बारे में न जाने कितना बुरा—बुरा सोच लिया था। अब सच सामने आ गया है। यह ठीक है तुम पर पैसे कमाने का भूत सवार होता है पर तुममें पैसे के लिए देश के प्रति गद्दारी करने का भाव रत्ती भर भी नही है! बस, अब एक ही रिक्वेस्ट है मेरी तुमसे! तुम मेरे अलावा क्रिकेट के प्रति भी ध्यान देने लगो! एशिया कप इंडिया को ही मिलना चाहिए। लेकिन मैं यह समझ नही पा रही हूं कि तुम वीडियो वायरल होने के बाद क्यों और कहां छिप गए थे?
अशोक अपने बारे में संगीता के बदले हुए विचार जानकर खुशी से फूला नहीं समा रहा था। वह बोला — लो मैडमजी को अब सबसे कीमती गिफ्ट चाहिए— एशिया कप! मैं जरूर यह फरमाइश पूरी करने की कोशिश करूंगा। दरअसल मुझे कुछ भी मालूम नहीं था कि वीडियो कब और कैसे बन गया? फिर जब पूरा माहौल अपने खिलाफ हो जाए तो बिना सबूत के मेरी बात पर कौन यकीन करता? इसलिए मैंने देहरादून आकर छिपने में ही अपनी भलाई समझी।
इसके बाद वह अपनी कार लेकर इलाहाबाद की ओर चल पड़ा!
(काल्पनिक कहानी)